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विकृत किया है नारद की छवि को

देवर्षि नारद की जयंती पर आयोजित पत्रकार समागम में डॉ. प्रकाश उपाध्याय ने कहा
रतलाम,१३ मई(इ खबरटुडे)। समाज ने नारद की छवि को विकृत किया है। फिल्मों तथा नाटक के पात्रों में उन्हें विदूषक के रूप में प्रस्तुत किया जाता है जबकि इसके विपरीत बहु आयामी व्यक्तित्व के धनी नारद देवों और दानवों में समान रूप से पूज्य थे।
यह बात सैलाना महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. प्रकाश उपाध्याय ने प्रेस क्लब द्वारा पत्रकार भवन में आयोजित कार्यक्रम में कहीं। वे वर्तमान परिपे्रक्ष्य में देवर्षि नारद की प्रासंगिकता विषय पर बोल रहे थे। डॉ. उपाध्याय ने कहा नारदजी ब्रह्मा के मानस पुत्र हैं उन्हें भगवान का मन कहा जाता है, उन्हें अजर-अमर का वरदान है तथा उनमें तीनों लोकों में भ्रमण करने की क्षमता है।
फस्र्ट मीडिया पर्सन थे
डॉ. उपाध्याय ने कहा नारदजी फस्र्ट मीडिया पर्सन थे। उन्होंने कभी असत्य नहीं कहा। वे परम तेजस्वी थे, सत्यनिष्ठा, निर्भीकता और विश्वसनीयता के कारण वे देव और दानवों में वे समान रूप से पूजनीय थे। पत्रकारिता का आधार भी यही है।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रेसक्लब अध्यक्ष उमेश मिश्र ने कहा अन्याय और असत्य के खिलाफ आवाज दबाने का प्रयास तब दानव करते थे। आज नेताओं का अहंकार और अधिकारियों का भ्रष्टाचार ये काम करवा रहा है। न तब नारदजी किसी से दबे थे न आज पत्रकार किसी से दबता है। कार्यक्रम का संचालन करते हुए रत्नदीप निगम ने बताया रतलाम प्रेस क्लब के आह्वान पर प्रदेश में नारद जयंती मनाने की परंपरा की शुरुआत हुई है और यह प्रदेश का ६१२वां कार्यक्रम है। अंत में आभार प्रदर्शन प्रेस क्लब सचिव तुषार कोठारी ने माना।

ये थे उपस्थित
नारद जयन्ती के पत्रकार समागम में वरिष्ठ पत्रकार शरद जोशी,राजज्योतिषि पं.बाबूलाल जोशी,प्रो.कृष्णात्रे,अभिभाषक देवराज सिंह पंवार,डा.रत्नदीप निगम समेत प्रेसक्लब के अनेक सदस्य व पत्रकार उपस्थित थे. प्रारंभ में अतिथियों का स्वागत शरद जोशी,आरिफ कुरैशी ने किया।

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